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Adhoore Suhaagraat
Adhoore Suhaagraat राहुल दिल्ली का रहने वाला है और उसकी उम्र 29 साल है । वो गुड़गांव की एक प्राइवेट कंपनी में सीनियर इंजीनियर की पोस्ट पर है । उसकी सैलरी लगभग 1 लाख है और दिखने में भी ठीक है । आज के ज़माने में ऐसा टिकाऊ लड़का मिलना किसी कोहिनूर हीरे के मिलने जैसा है

राहुल के घरवाले उसकी शादी के लिए लड़की की तलाश कर रहे हैं और राहुल भी अब शादी के बंधन में बंधने के लिए पूरी तरह तैयार है । बस राहुल को एक ही चीज़ परेशान कर रही है । वो शुरू से अपनी पढ़ाई और फिर नौकरी के लिए इतना मन से लगा हुआ था कि उसने कभी कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनाई । ऐसा नहीं था कि वो लड़कियों से बात ही नहीं करता था ।

शुरू से होशियार और मेहनती होने की वजह से लड़कियाँ उसके आस-पास रहती थीं

लेकिन कभी किसी के साथ रिलेशनशिप नहीं हुआ । एक लड़की की तरफ राहुल आकर्षित हुआ लेकिन कभी हिम्मत करके उससे बोल ही नहीं पाया । बस दूर से ही आहें भरता रहा । पोस्ट ग्रेजुएशन भी खत्म हो गई तो फिर अच्छी नौकरी लग गई । लेकिन तब से लेकर आज तक राहुल का वही हाल है ।

अब राहुल आखिरकार शादी के लिए तैयार था लेकिन अरेंज मैरिज होने से पहले वो लड़की को अच्छी तरह जानना चाहता था, उसे समझना चाहता था और समझाना चाहता था । खैर, बिरादरी में बात चलने लगी और शादी के रिश्ते आने लगे, किसी को राहुल रिजेक्ट कर देता तो किसी को उसके घर वाले ।

लेकिन हर रिश्ते पर राहुल की एक ही शर्त थी

कि लड़की फाइनल होने के बाद वो उसे अगले 6 महीने तक डेट करेगा और अगर दोनों को एक दूसरे का साथ पसंद आता है तो ही सगाई और फिर शादी होगी । सब्र का फल मीठा होता ही है । आखिरकार राहुल के पास स्वाति का रिश्ता आया । स्वाति प्राइवेट स्कूल में टीचर की पोस्ट पर थी और बेहद खूबसूरत थी । Suhaagraat

फोटो देखते ही राहुल और उसके परिवार वालों ने हाँ कर दी और

राहुल की माँ ने अपनी जेठानी से कहा – दीदी इसके घरवालों को अगले रविवार घर आने के लिए कहो न । जेठानी ने कहा – ठीक है, मैं बोल देती हूं, अगर सब ठीक रहा तो वो आ जाएंगे और तू चिंता मत कर, ये लोग बहुत अच्छे और सीधे हैं, भगवान ने चाहा तो ये शादी पक्की हो जाएगी । राहुल की माँ ने कहा – लेकिन इनके बारे में सबकुछ ठीक तो है न ?जेठानी बोली – तू चिंता मत कर, ये लोग बिल्कुल खास हैं हमारे, सब देखा-दिखाया है ।राहुल की माँ ने ठंडी आह भरी और कहा – ठीक है ।शनिवार आ गया और स्वाति के घरवालों का फोन भी । घंटी बजी और आवाज़ आई -ये मिस्टर नवीन बजाज का घर है, राहुल के पापा ?राहुल ने कहा – जी हां आवाज़ आई – आप कौन ?

राहुल – मैं राहुल ही बोल रहा हूं, आप बोलिए न क्या काम है ?

स्वाती के पापा ने कहा – बेटा मैं सुरेश बंसल हूं, स्वाति का पापा राहुल – कौन स्वाति ? ओ…अब याद आया, जी नमस्ते अंकलआवाज़ आई – नमस्ते बेटा, पापा से बात हो सकती है क्या ?
राहुल – जी बिल्कुल अभी बुलाता हूं राहुल के पापा फोन पर आए और कहा – जी बोलिए बंसल साहब, कैसे हैं आप ?आवाज़ आई – जी मैं बिल्कुल ठीक हूं बाजाज जी, दरअसल मैनें ये बताने के लिए फोन किया है कि हम सब कल 2 बजे तक आपके पास आ जाएंगे, जो भी बात है, आमने-सामने बैठकर कर लेंगे । राहुल के पापा – जी, जी बिल्कुल, आपका स्वागत है, आइए प्लीज़ये सुनकर स्वाति के पापा बोले – ठीक है जी, तो कल मिलते हैं, बायराहुल के पापा – जी बिल्कुल, बायअगली सुबह से ही राहुल के घर मेहमानों के लिए तैयारियाँ शुरू हो गई थी, राहुल समझ नहीं पा रहा था कि घरवाले इतना ज़्यादा बेचैन क्यों हैं, Suhaagraat

अभी रिश्ता पक्का हुआ भी नहीं और इतनी तैयारियाँ हो रही हैं ।

राहुल के घर में सुबह से ही पकोड़े और कचौड़ियाँ तली जा रही थी । इसके अलावा घर को सजाया जा रहा था । खैर दिन के 2 बज गए और स्वाति के माता-पिता के साथ उसके बड़े पापा और स्वाति की बड़ी बहन भी आ गए । राहुल के घरवाले गेट पर गए और हाथ मिलाकर मेहमानों को घर के अंदर ले आए । स्वाति के घरवालों के अलावा राहुल के घरवाले भी इस रिश्ते को लेकर उत्साहित थे और बेचैन भी ।

दोनों ही परिवार यह चाहते थे कि ये रिश्ता हो जाए । राहुल को बुलाया गया और स्वाति के बड़े पापा और उसकी बड़ी बहन ने राहुल से बात करनी शुरू की ।स्वाति की दीदी बोली – आप कहाँ नौकरी करते हैं ?

Rahul राहुल – जी गुड़गाँव, मैं आईटी इंजीनियर हूं ।बड़ी बहन – बढ़िया, कंपनी अभी ज्वाइन की है या टाइम हो गया ?राहुल – जी नहीं मुझे 2 साल हो गए हैं इस कंपनी में ।स्वाति की बहन बोली – बहुत अच्छा ।